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भारत में रोजगार का परिदृश्य: संदर्भ, रुझान और चुनौतियाँ
समग्र स्थिति और छात्रावास
भारत में बेरोजगारी दर हाल ही में खराब है, जो किफायती बजट और बाज़ार में तेज़ बदलावों को खो देता है। हालाँकि कुछ क्षेत्र, जैसे उन्नत, में वृद्धि हुई है, फिर भी कई क्षेत्र और पेशेवर प्रोफ़ाइलों को अवसरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रौद्योगिकीय क्षेत्र अब भी सृजन के प्रमुख इंजनों में से एक है, विशेष रूप से कृत्रिम प्रतिभा (एआई), साइबर सुरक्षा और क्रोम जैसी वस्तुएं। अनुमान है कि 2030 तक, 60% से अधिक कार्यबल को पुनः आरंभ कौशल प्रशिक्षण (रीस्किलिंग) की आवश्यकता होगी।
90% से अधिक भारतीय श्रमिक लाइब्रेरी या "गिग इकोनॉमी" के अंतर्गत काम कर रहे हैं, जिसमें सुरक्षा और विशिष्टता की कमी है। इसके अलावा, साइबेरियाई क्षेत्र में "साइलेंट लेऑफ़" (मूक ड्रैक) की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। इन अचल संपत्तियों से स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के लिए सरकार ने हाल ही में एक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया है।
भारत के रोजगार बाज़ार की प्रमुख समस्याएँ
- शिक्षा और उद्योग के आवश्यकताओं के बीच पालन
- कई व्यावसायिक डिग्रियन संस्थाओं की व्यावहारिक आवश्यकताओं से मेल नहीं खाते।
- साधारणतया पर भारी ग्रेड
- पारंपरिक फार्म हाउसों में हजारों अभ्यर्थी आवेदन करते हैं, जिससे चयन कठिन हो जाता है।
- अविश्वासी का प्रभुत्व और अविश्वास
- अनुबंध अनुबंधों की कमी के कारण वित्तीय स्थिरता और व्यावसायिक विकास बाधित होते हैं।
- आंतरिक विकास और ऑटोमोबाइल के अवसरों की कमी
- कई कर्मचारियों को अपनी कंपनी के अंदर भी क्षेत्र में बदलाव या आगे बढ़ना पड़ता है।
- स्वाचलन का खतरा
- तकनीकी प्रगति के कारण डबलए जाने वाले रोजगार समाप्त होने का डर बढ़ रहा है।
- अन्य
- अधिकांश नौकरियाँ बड़े शहरों में केंद्रित हैं, जिससे छोटी दुकानों के लोगों को सीमित अवसर मिलते हैं।
- नेटवर्किंग की कमी
- पेशेवरों के संपर्कों की अनुपस्थिति में अच्छे सहयोगियों तक पहुंच सीमित है।
- कोचिंग और अप्रभावी पाठ्यक्रमों की अधिकता
- कई कोर्सेजिक रिसर्च नहीं देते और केवल स्टैटिक ज्ञान तक सीमित रहते हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
- असुरक्षा और लंबे समय तक दबाव, मानसिक और स्थिर थकावत का कारण बना हुआ है।
पेशेवर विकास या नौकरी पाने का व्यावहारिक मार्ग
उभरते हुए खेत की पहचान
- टेक्नोलॉजी, डेटा, एआई, डेवऑप्स और साइबर सुरक्षा।
- फिनटेक, डिजिटल हेल्थ, पशुधन ऊर्जा और एग्रीटेक जैसे नए उद्योग।
- इंटरनैशनल के साथ-साथ रोबोटिक नौकरियाँ।
परिणाम-सामग्री कोर्सों का चयन
- ऐसे कार्यक्रम में शामिल हों, इसमें शामिल हों।
- पूर्व छात्रों के प्रोजेक्ट और सफलता के उदाहरणों की समीक्षा करें।
चयन प्रक्रिया में अंतर स्थापित करना
- रियल प्रोजेक्ट्स पर आधारित पोर्ट्रेट तैयार करें।
- हैकाथॉन, ऑफ़लाइन और ओपन-सोर्स योगदान में भाग लें।
- प्रत्येक नौकरी के लिए रिज्यूमे और कवर लेटर को अनुकूलित करें।
वैश्विक अवसरों की खोज
- अंतर्राष्ट्रीय उद्यमियों का उपयोग करें जो भारतीय प्रतिभाओं को विदेशी उद्यमियों से जोड़ते हैं।
- मशहुत वर्कशॉप मॉडल का लाभ लाभ अवसरों का विस्तार करें।
सॉफ्ट मेटल्स का विकास
- स्पष्ट संचार, आलोचनात्मक सोच, समस्या समाधान और यहां एक शिक्षक की आवश्यकता है।
साहस की योजना बनाना
- 2 से 5 वर्ष की स्पष्ट लक्ष्य स्थापना।
- प्रत्येक चरण के लिए आवश्यक कौशलों की पहचान करें और उन्हें विकसित करें।
मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल
- स्वस्थ, नियमित ब्रेक और मनोरंजक रेस्तरां बनाए रखें।
- आवश्यकतानुसार ऑनलाइन एवं पेशेवर सहायता प्राप्त करें।